इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में करियर (Career in Electrical and Electronic Engineering By PPS)

कोर्सेज और ड्यूरेशन

इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फील्ड छात्रों के बीच बड़ी तेज़ी से लोकप्रिय इंजीनियरिंग करियर ऑप्शन बन रही है. इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए एकेडेमिक क्राइटेरिया को मुख्य तौर पर  निम्नलिखित चार कोर्सेज/ प्रोग्राम्स में बांटा गया है:

  • डिप्लोमा कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा ऑफर करता है और आप 10 वीं और 12 वीं क्लास पास करने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं. इस कोर्स की ड्यूरेशन या अवधि 3 वर्ष है.
  • अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – यह एक 4 वर्ष की अवधि का कोर्स है जिसे पूरा करने पर आपको इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक (बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री मिलती है. आप 12 वीं क्लास पास करने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं.
  • पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज – यह 2 वर्ष की अवधि का कोर्स है जो इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एमटेक (मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री ऑफर करता है. इस कोर्स में एडमिशन लेने से पहले आपके पास उपयुक्त फील्ड में अंडरग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए.
  • डॉक्टोरल कोर्सेज – यह इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी (डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की डिग्री) प्राप्त करने के लिए एक 3 वर्ष की अवधि का कोर्स है. यह कोर्स करने के लिए छात्रों के पास किसी उपयुक्त विषय में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए.
  • रोज़गार के बढ़िया अवसर ऑफर करने वाले लोकप्रिय रिक्रूटर्स

    इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स को रिक्रूट करने वाले कुछ प्रसिद्ध ऑर्गेनाइजेशन्स निम्नलिखित हैं:

    गवर्नमेंट सेक्टर

    • भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल)

    • पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल)

    • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)

    • इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो)

    • नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी)

    • एनएसपीसीएल

    • स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड

    • गेल

    प्राइवेट सेक्टर

    • टाटा मोटर्स

    • टाटा स्टील एंड पावर लिमिटेड

  • • एल एंड टी कंस्ट्रक्शन एंड स्टील

    • जेनिथ कंस्ट्रक्शन

    • जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड

    • ओमेगा एलीवेटर

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में कैसे लें एडमिशन?

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में छात्र कई कोर्स कर सकते हैं. यद्यपि इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय कोर्स 4 वर्ष का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है और छात्र 12 वीं पास करने के बाद इसमें एडमिशन ले सकते हैं. इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में विभिन्न कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निम्नलिखित है: 

    विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

    • डिप्लोमा कोर्सेज – छात्र ने किसी मान्यताप्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10 वीं क्लास का एग्जाम पास किया हो.
    • अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – यूजी प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए छात्र को उपयुक्त एंट्रेंस एग्जाम्स देने होते हैं. इसके अलावा, छात्र ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स आदि मुख्य विषयों के साथ 12 वीं क्लास पास की हो.
    • पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज – पीजी प्रोग्राम्स में एडमिशन लेने के लिए भी छात्र को उपयुक्त एंट्रेंस एग्जाम्स पास करने होते हैं. छात्र के पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से संबद्ध विषय में अंडरग्रेजुएट की डिग्री भी होनी चाहिए.

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम्स

    इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में एडमिशन लेने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और यूनिवर्सिटी लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम्स आयोजित किये जाते हैं. इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए छात्र निम्नलिखित लोकप्रिय एग्जाम्स दे सकते हैं:

    • जॉयंट एंट्रेंस एग्जाम - मेन (जेईई मेन)

    • जॉयंट एंट्रेंस एग्जाम - एडवांस्ड (जेईई एडवांस्ड)

    • ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट)

  • • वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीईई)

    • वीआईटी यूनिवर्सिटी मास्टर’स एंट्रेंस एग्जाम (वीआईटीएमईई)

    • बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस हायर डिग्री एग्जाम (बीआईटीएस एचडी)

    • दी महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एमएचटीसीईटी)

    • उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम (यूपीएसईई)

    • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट (बीआईटीएसएटी)

    भारत में टॉप 10 इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट्स

    भारत में इंजीनियरिंग कोर्सेज करने के लिए सबसे बढ़िया कॉलेजों के तौर पर ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीज़’ अर्थात आईआईटी’ज माने जाते हैं. एनआईआरएफ रैंकिंग वर्ष 2018 के अनुसार भी, भारत में यूजीसी से मान्यताप्राप्त टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज निम्नलिखित हैं:

  • छात्रों के लिए करियर प्रॉस्पेक्ट्स

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फील्ड इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म के एप्लीकेशन्स से संबद्ध है. इन कोर्सेज को करने वाले छात्र इंजीनियरिंग वर्क्स, कंस्ट्रक्शन्स, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में करियर ऑप्शन्स तलाश सकते हैं. एक इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के तौर पर आप इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर और नेटवर्किंग सिस्टम्स को डिज़ाइन करने, डेवलप करने और टेस्ट करने के कार्य करेंगे.

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का फ्यूचर स्कोप

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के लिए जॉब के काफी अच्छे अवसर और स्कोप मौजूद हैं. एक इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के तौर पर आप उन इंडस्ट्रीज में काम कर सकते हैं जो प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कंट्रोल सिस्टम्स, सिस्टम मैनेजमेंट, प्रोडक्ट डिज़ाइन, सेल्स, वायरलेस कम्युनिकेशन, मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल, ऑटोमोटिव और स्पेस रिसर्च संगठनों से संबद्ध कार्य करती हैं. इस फील्ड में डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्र रिसर्च फील्ड में भी कार्य कर सकते हैं.

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के लिए लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल्स

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्स करने वाले छात्रों के लिए कुछ लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल्स निम्नलिखित हैं:

    • चीफ इंजीनियर

    • क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर

    • कंट्रोल एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर

    • डिज़ाइन इंजीनियर

    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियर

    • ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियर

    • मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम्स इंजीनियर

    • सिस्टम एनालिस्ट

    • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर

    • आईटी कंसलटेंट

    • सिस्टम्स डेवलपर

    • नेटवर्क इंजीनियर

    सबसे लोकप्रिय उप-विषय

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फील्ड में कई स्पेशलाइजेशन्स होते हैं और छात्र बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद हायर डिग्रीज प्राप्त करने के लिए इन उप-विषयों में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन हेतु अपनी  स्टडीज जारी रख सकते हैं. इस फील्ड के कुछ सबसे लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन्स निम्नलिखित हैं:

    • सॉफ्टवेयर

    • इलेक्ट्रॉनिक्स

    • सिग्नल प्रोसेसिंग

    • कंप्यूटर इंजीनियरिंग

    • पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स

    • कम्युनिकेशन्स

    • नैनो टेक्नोलॉजी

    • एम्बेडेड सिस्टम्स

    • बायोमेडिकल इमेजिंग

    • हार्डवेयर

    • पावर सिस्टम इंजीनियरिंग (रिन्यूएबल एनर्जी सहित)

    • कंट्रोल

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फील्ड में शामिल मेन सब्जेक्ट्स

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फील्ड में शामिल कुछ मेन सब्जेक्ट्स निम्नलिखित हैं:

    • एडवांस्ड डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग

    • कम्युनिकेशन सिस्टम्स

    • कंट्रोल सिस्टम एनालिसिस

    • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक

    • लो नॉइज़ एम्पलीफायर

    • माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स

    • पॉवर सिस्टम्स

    • सिग्नल सिस्टम्स एंड नेटवर्क्स एनालिसिस

    • इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एंड सर्किट्स

    इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्या है?

    इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (ईईई) की फील्ड इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म के एप्लीकेशन्स से संबद्ध है. इसके कोर्सवर्क में छात्रों को इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स को डिज़ाइन करने, विकसित करने और टेस्ट करने के लिये प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देना शामिल है. यह फील्ड छात्रों को कोर इंजीनियरिंग विषयों जैसेकि कम्युनिकेशन्स, कंट्रोल सिस्टम्स, सिग्नल प्रोसेसिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी डिज़ाइन, माइक्रोप्रोसेसर्स, पॉवर जनरेशन आदि में फंडामेंटल नॉलेज की एक व्यापक रेंज उपलब्ध करवाती है.

    इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर क्या करता है?

    इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग पढ़ने वाले छात्र का मेन फोकस इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, मेकाट्रोनिक्स टेक्नोलॉजीज़, ऑटोमेशन और कंट्रोल सिस्टम्स आदि की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और निर्माण कार्य से संबद्ध होगा. ये छात्र इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड व्हीकल्स, कंप्यूटर्स, इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी स्टोरेज डिवाइसेज, इंडस्ट्रियल रोबोट्स, सीएनसी मशीन्स आदि के लिए सर्किट्स डिज़ाइन करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स पॉवर जनरेशन ट्रांसमिशन और टेलीकम्यूनिकेशन सेक्टर्स में भी काम करते हैं.

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